वरिषà¥à¤ नागरिक किसी à¤à¥€ परिवार या समाज की आधारà¤à¥‚मि होते है | वे अपने अनà¥à¤à¤µ की अनमोल समà¥à¤ªà¤¦à¤¾ से समाज और परिवार का सारà¥à¤¥à¤• मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ करते है | वे हमें संसà¥à¤•ारो , आदरà¥à¤¶à¥‹ व मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¦à¥ƒà¥ विरासत सौपते है , जो हमारे असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ की जरà¥à¤°à¤¤ है| बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ो का जीवन समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ , आदर और गरिमा के साथ पà¥à¤°à¤¾à¤•तिक वातावरण में हरà¥à¤· और उलà¥à¤²à¤¾à¤¸ के साथ वयतीत हो, इस à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के साथ लाङनॠनिवासी शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ कमलादेवी कठोतिया (धरà¥à¤®à¤ªà¤¤à¥à¤¨à¥€ सà¥à¤µ. शà¥à¤à¤•रण जी कठोतिया ) की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ से उनके पà¥à¤¤à¥à¤° शà¥à¤°à¥€ राकेश कठोतिया à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤¤à¥à¤°à¤µà¤§à¥ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ आरती कठोतिया ने पहल कर पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ान टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ के ततà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¾à¤¨ में जीवन जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ आशà¥à¤°à¤® की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की |समाज के वृदà¥à¤§à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ की जीवन संधà¥à¤¯à¤¾ को सà¥à¤—म à¤à¤µà¤‚ खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤² बनाना à¤à¤µà¤‚ उनकी चित समाधि हेति संसाधन उपलबध करना आशà¥à¤°à¤® का मूल लकà¥à¤·à¤¯ है |
आशà¥à¤°à¤® राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की राजधानी गà¥à¤²à¤¾à¤¬à¥€ नगरी जयपà¥à¤° के पशॠहठवाड़ा, रामगढ रोड कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक हरितिमा से आचà¥à¤›à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ सà¥à¤°à¤®à¥à¤¯ वादियों में अवसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं | जयपà¥à¤° शहर के मà¥à¤–à¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° जौहरी बाजार से मातà¥à¤° १० किलोमीटर की दूरी पर अवसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤¸à¥‡ मनोरम पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक वैà¤à¤µ से परिपूरà¥à¤£ परिसर में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸ बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—जनों के मन में अलौकिक हरà¥à¤· का संचार करने वाला अनà¥à¤à¤µ होगा | इस पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक वातावरण में आने, रहने, पà¥à¤°à¤•ृति के सौंदरà¥à¤¯ को महसूस करने, मन को आनंद, उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ और उलà¥à¤²à¤¾à¤¸ से सिकà¥à¤¤ करने, अपने जीवन को रचनातà¥à¤®à¤• मोड़ देने, पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ बटोरने à¤à¤µà¤‚ बाटने तथा अपनी जीवन संधà¥à¤¯à¤¾ को सारà¥à¤¥à¤• बनाने के लिठसमाज के वरिषà¥à¤ जन सादर आमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ हैं |
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